Tuesday 22 May 2012



प्रभु बोले
अच्छा अब इच्छा है मेरी -- संस्थापन हो शिव शंकर का I
लंका पर चड़ने से पहले, आराधन हो शिव शंकर का II
रन के देवता त्रिलोचन हैं -- पहले हम उन्हें मनायंगे I
मृत्युन्जय का आवाहन कर राक्षस गण पर जय पाएंगे II
संस्थापन अहवाहन, अर्चन - विधि सहित हुआ विश्वेश्वर का I
सागर तट बना रामद्वारा, इस भांति धाम सिद्धेश्वर का II
राधे श्याम


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